Air India ने निकाला घाटे से उबरने का रास्ता, फ्लाइट में भोजन पर ऐसे बचाएगी पैसा
बड़े आर्थिक घाटे की शिकार सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) ने खाने पर खर्च को कम करने का प्रयास शुरू कर दिया है.
कंपनी विदेशी शहरों से भारत वापसी के समय यात्रियों को परोसे जाने वाले खाने का स्टॉक भारत से लेकर ही चलेगी. (फाइल फोटो)
कंपनी विदेशी शहरों से भारत वापसी के समय यात्रियों को परोसे जाने वाले खाने का स्टॉक भारत से लेकर ही चलेगी. (फाइल फोटो)
बड़े आर्थिक घाटे की शिकार सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) ने खाने पर खर्च को कम करने का प्रयास शुरू कर दिया है. इसके लिये कंपनी विदेशी शहरों से भारत वापसी के समय यात्रियों को परोसे जाने वाले खाने का स्टॉक भारत से लेकर ही चलेगी.
एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला ने बुधवार को कहा कि फिलहाल एयरलाइन ने स्टॉकहोम, कोपेनहेगन, बर्मिंघम और मैड्रिड की उड़ानों के लिए भारत से ही खाद्य पदार्थ लेकर चलना शुरू कर दिया है. इसका इस्तेमाल वह वापसी में यात्रियों के लिये कर रही है. कंपनी का कहना है कि भारतीय शहरों की तुलना में विदेशी शहरों में खाद्य पदार्थ खरीदना काफी महंगा है.
खरोला ने कहा कि यहां से चिलर में खाना ले जा रहे हैं और जब भी इसकी जरूरत होती है तो इसे गर्म करके इस्तेमाल में लाया जा रहा है. हमारी खानपान की लागत (कैटरिंग लागत) 600 से 800 करोड़ रुपये सालाना है. भारत में कैटरिंग पश्चिमी देशों की तुलना 3 से 4 गुना सस्ती है."
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उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीने के भीतर एयर इंडिया खाड़ी देशों से आने वाली उड़ानों में भी भारत से ले जाया गया खाना परोसना शुरू कर देगी. एयर इंडिया ने लागत को कम करने के लिये जुलाई 2017 में इकॉनोमी श्रेणी के यात्रियों को घरेलू उड़ानों में मांसाहारी खाना परोसना बंद करने का फैसला लिया था.
एक अधिकारी ने कहा कि सबसे ज्यादा जरूरी चीज स्वाद है. आप कुछ भी कर लें, जब भारतीय व्यंजनों की बात हो तो यूरोपीय कैटरर के खाने का स्वाद भारतीय कैटरर के स्वाद से मेल नहीं खा सकता है. इसका हमें फायदा मिलेगा. मुख्य चीज यह है कि इससे लागत में कमी आयेगी.
इनपुट: एजेंसी
05:57 PM IST